राजनीती के चक्कर में आपसी सम्बन्ध बर्बाद न करें
प्रिय मित्रों,
राजनीती के चक्कर में आपसी सम्बन्ध बर्बाद न करें.
अगर आपका कोई साथी आपसे अलग विचारधारा रखता है तो इसका मतलब ये कतई नहीं है कि वो देशद्रोही हैं.
सरदार भगत सिंह कम्युनिस्ट विचारधारा रखते थे, बिस्मिल आर्यसमाजी थे.....और दोनों देशभक्त थे.
जब आपको खून की जरूरत होती है तो किसी पार्टी का नेता खून देने कभी नहीं आता.......हाँ, दोस्त या पड़ोसी जरूर आ जाता है.....
जो आपके लिए खून दे सकता है......उससे वोट पर बहस न करें.....
कहीं ऐसा न हो कि आप तर्क तो जीत जाएँ.......और सम्बन्ध हार जाएँ...
धन्यवाद!
Keywords : comments,share,story,jokes
राजनीती के चक्कर में आपसी सम्बन्ध बर्बाद न करें.
अगर आपका कोई साथी आपसे अलग विचारधारा रखता है तो इसका मतलब ये कतई नहीं है कि वो देशद्रोही हैं.
सरदार भगत सिंह कम्युनिस्ट विचारधारा रखते थे, बिस्मिल आर्यसमाजी थे.....और दोनों देशभक्त थे.
जब आपको खून की जरूरत होती है तो किसी पार्टी का नेता खून देने कभी नहीं आता.......हाँ, दोस्त या पड़ोसी जरूर आ जाता है.....
जो आपके लिए खून दे सकता है......उससे वोट पर बहस न करें.....
कहीं ऐसा न हो कि आप तर्क तो जीत जाएँ.......और सम्बन्ध हार जाएँ...
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