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Showing posts from February, 2017

जीवन की कड़वी सच्चाई

चिड़िया 🐥जब जीवित रहती है            तब वो किड़े-मकोड़े🐛 को खाती है। और चिड़िया🐣 जब मर जाती है तब            किड़े-मकोड़े🐛 उसको खा जाती है। ☝ इसलिए इस बात का ध्यान रखो की समय और स्थिति कभी भी बदल सकते है. 👍इसलिए कभी किसी का अपमान मत करो 👍कभी किसी को कम मत आंको। 👍तुम शक्तिशाली हो सकते हो पर समय तुमसे भी शक्तिशाली है। 👍एक पेड़ से लाखो माचिस की तिलियाँ बनाई जा सकती है। 👍 पर एक माचिस की तिली से लाखो पेड़ भी जल सकते है। 👍कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए, पर कुदरत कभी भी किसी को महान  बनने का मौका नहीं देती। 👉कंठ दिया कोयल को, तो रूप छीन लिया । 👉रूप दिया मोर को, तो ईच्छा छीन ली । 👉दी ईच्छा इन्सान को, तो संतोष छीन लिया । 👉दिया संतोष संत को, तो संसार छीन लिया। 😐😐😐😐😐😐😐😐😐 ☝मत करना कभी भी ग़ुरूर अपने आप पर 'ऐ इंसान' ☝ भगवान ने तेरे और मेरे जैसे कितनो को मिट्टी से बना कर, मिट्टी में मिला दिए । 🔆🔆🔆🔆🔆🔆🔆🔆🔆 👉 इंसान दुनिया में तीन चीज़ो के लिए मेहनत करता है 1-मेरा नाम ऊँचा हो . २ -मेरा लिबास अच्छा हो . 3-मेरा मकान खूबसूरत हो .

एक किसान की मन की बात

एक किसान की मन की बात:- 😞😞😞😞😞😞😞😞😞 कहते हैं.. इन्सान सपना देखता है तो वो ज़रूर पूरा होता है. मगर किसान के सपने कभी पूरे नहीं होते बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है. बड़ा खुश होते हुए जाता है. बच्चों से कहता है आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा, पत्नी से कहता है.. तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा. 😞😞😞😞😞 पत्नी:–”अरे नही जी..!” “ये तो अभी ठीक है..!” “आप तो अपने लिये जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!” जब किसान मंडी पहुँचता है . ये उसकी मजबूरी है वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता. व्यापारी उसके माल की कीमत अपने हिसाब से तय करते हैं. एक साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है. एक माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है. लेकिन किसान अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता . खैर.. माल बिक जाता है, लेकिन कीमत उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती. माल तौलाई के बाद जब पेमेन्ट मिलता