"राजनीति ही हमारा पेशा है।"
एक बार वियतनाम के राष्ट्रपति हो-ची-मिन्ह भारत आए थे। भारतीय मंत्रियों के साथ हुई मीटिंग में उन्होंने पूछा - " आपलोग क्या करते हैं ?" इनलोगों ने कहा - " हमलोग राजनीति करते हैं ।" वे समझ नहीं सके इस उत्तर को। उन्होंने दुबारा पूछा- "मेरा मतलब, आपका पेशा क्या है?" इनलोगों ने कहा - "राजनीति ही हमारा पेशा है।" हो-ची मिन्ह तनिक झुंझलाए, बोला - "शायद आपलोग मेरा मतलब नहीं समझ रहे। राजनीति तो मैं भी करता हूँ ; लेकिन पेशे से मैं किसान हूँ , खेती करता हूँ। खेती से मेरी आजीविका चलती है। सुबह-शाम मैं अपने खेतों में काम करता हूँ। दिन में राष्ट्रपति के रूप में देश के लिए अपना दायित्व निभाता हूँ ।" भारतीय प्रतिनिधिमंडल निरुत्तर हो गया कोई जबाब नहीं था उनके पास। जब हो-ची-मिन्ह ने दुबारा वही वही बातें पूछी तो प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने झेंपते हुए कहा - "राजनीति करना ही हम सबों का पेशा है।" स्पष्ट है कि भारतीय नेताओं के पास इसका कोई उत्तर ही न था। बाद में एक सर्वेक्षण से पता चला कि भारत में 6 लाख से अधिक लोगों की आजीविक...